इंसान का इंसान से हो भाईचारा, यही पैगाम हमारा
सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्तां हमारा
हम बुलबुले हैं इसकी,वो गुलिस्तां हमारा
परबत वो सबसे ऊँचा, ...हमसाया आसमां का
वो संतरी हमारा, वो पासबां हमारा
गोदी में खेलती हैं, जिसके हज़ारों नदियाँ
गुलशन है जिसके दम से, रश्क–ए–जिनां हमारा
मज़हब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना
हिन्दी हैं हम, वतन है, हिन्दोस्तां हमारा
हिन्दुस्तान का एक विनम्र प्रयास, अमन की राह पर
आओ उड़ाएं अमन के प्रतीक कबूतर
हम बुलबुले हैं इसकी,वो गुलिस्तां हमारा
परबत वो सबसे ऊँचा, ...हमसाया आसमां का
वो संतरी हमारा, वो पासबां हमारा
गोदी में खेलती हैं, जिसके हज़ारों नदियाँ
गुलशन है जिसके दम से, रश्क–ए–जिनां हमारा
मज़हब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना
हिन्दी हैं हम, वतन है, हिन्दोस्तां हमारा
हिन्दुस्तान का एक विनम्र प्रयास, अमन की राह पर
आओ उड़ाएं अमन के प्रतीक कबूतर
Comments