बाबा रामदेव आप तो ऐसे ना थे...?
बाबाओं में अपनेराम का कोई विश्वास नहीं है। अपवादस्वरूप एकाध बाबा को छोड़ दिया जाए तो प्रवचन में बड़ी-बड़ी बातें और दावे करने वाले बाबाओं की दुकान उनके साथ चलती है। कोई मंजन-दातून, घी-तेल और खास तरह की दवाइयां बेचता है, तो कोई फोटो-पोस्टर्स, किताबें, कैसेट्स-सीडी की आड़ में धन कमाता है। तीन साल पहले हरिद्वार स्थित बाबा रामदेव के योग साम्राज्य के मुख्यालय पतंजलि योग संस्थान जाने का अवसर मिला। वहां की आबोहवा, सात्विक माहौल देखकर लगा कि और बाबाओं से हटकर हैं बाबा रामदेव। दवाइयां, खानपान सब कुछ किफायती। हर आगंतुक के साथ मेहमान-सा व्यवहार और पूरा आदर-सत्कार। पिछले सप्ताह जाना हुआ तो पतंजलि योग संस्थान का पूरा निजाम ही बदला-बदला नजर आया। गेट पर ही प्रत्येक गाड़ी से एंट्री शुल्क वसूला जाने लगा है। सेहत की दुश्मन जिन चीजों से बचने की सलाह बाबा अपनी योग सभाओं में दिया करते हैं वह सब बाबा के योग अस्पताल में सहज उपलब्ध है। गोलगप्पे, चाट-पकोड़ी के साथ मिठाई आदि का आप भरपूर आनंद ले सकते हैं। पैकिंग मटैरियल की बात करें तो दवाइयों के साथ-साथ मिठाई-नमकीन की भी बिक्री अब होने लगी है। पहले की तुलना में द...