कोई तो समझाए इस पागल को


पागलपन की भी कोई हद होती है लेकिन महाराष्ट्र नव निर्माण सेना (मनसे) के मुखिया राजठाकरे की करतूतें रुकने का नाम नहीं ले रही। चर्चाओं में बने रहने के लिए हर रोज कोई न कोई नया फरमान जारी कर देते हैं। अब राज ठाकरे चाहते हैं कि एसबीआई की भर्ती में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाए। इसके लिए मनसे ने एसबीआई प्रशासन को एक पत्र भी लिखा है। एसबीआई रविवार को यह चयन परीक्षा आयोजित कर रहा है। विघ्नसंतोषी मनसे की यह मांग सहज नहीं है, क्योंकि पिछले साल रेलवे बोर्ड परीक्षा के दौरान भी इसी तरह की मांग उठाई थी जिसने हिंसक रूप धारण कर लिया था। मनसे के कार्यकर्ताओं ने उपनगर मुंबई के 17 परीक्षा केंद्रों पर हमला किया था और उत्तर भारत के परीक्षार्थियों से मारपीट की थी।
किसी पागल हाथी को बेलगाम छोड़ दिया जाए तो वह लगातार किसी न किसी का नुक्सान करता रहता है। राज ठाकरे की स्थिति भी महाराष्ट्र में कुछ ऐसी ही हो गई है। यदि समय रहते उस पर अंकुश नहीं लगाया गया, तो वह दिन दूर नहीं जब वह महाराष्ट्र के लिए अलग से हवा-पानी की भी डिमांड कर बैठे।

Comments

Udan Tashtari said…
ऐसी हरकतों पर अंकुश तो लगना ही चाजिये.

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